स्थान : कानपुर, उत्तर प्रदेश
आयोजक : हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विश्वविद्यालय
उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर में स्थित हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विश्वविद्यालय में ओडिशी-2018 के तहत कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसमें देश के विभिन्न हिस्सों से आए कवियों ने विद्यार्थियों को गुदगुदाने के साथ ही नसीहतें भी दीं।मंच से गूंजे काव्य मोती
धीरज सिंह 'चंदन'
सिविल लाइंस अगर हो तुम, मुझे बर्रा समझ लेना।मैं घंटाघर कसम से तुम तो मोतीझील लगती हो।
डॉ. सुनील जोगी
किसी गीता से न कुरआं से अदा होती है,न बादशाहों की दौलत से अता होती है।
रहमतें सिर्फ बरसती हैं उन्हीं लोगों पर
जिनके दामन में बुजुर्गो की दुआ होती है।
दिलीप दुबे
हम इस तरह प्यार का इजहार करते हैं,वह मिस कॉल करती है, जब हम मिसकॉल करते हैं।
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